उत्तराखंड

हिमालय-पुत्र बनना आसान नहीं, उनके पदचिह्नों पर चलना ही लक्ष्य: सौरभ बहुगुणा

हिमालय-पुत्र बनना आसान नहीं, उनके पदचिह्नों पर चलना ही लक्ष्य: सौरभ बहुगुणा

हेमवती नंदन बहुगुणा की 106वीं जयंती पर गढ़वाल विवि में भव्य समारोह

पौड़ी । गढ़वाल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को देश के महान जन नेता, हिमालय-पुत्र हेमवती नंदन बहुगुणा की 106वीं जयंती पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम की शुरुआत बहुगुणा जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। इसके बाद आयोजित स्मृति व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में सौरभ बहुगुणा ने अपने दादा की स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने कहा “हेमवती नंदन बनना आसान नहीं है, लेकिन उनके पदचिह्नों पर चलना मेरा लक्ष्य है।” उन्होंने युवाओं से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास में भागीदार बनने की अपील करते हुए कहा कि स्व. बहुगुणा जी का सपना रोजगार और समृद्ध उत्तराखंड का था, जिसे पूरा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

उन्होंने स्मरण किया कि बहुगुणा जी ने मुख्यमंत्री रहते हुए पर्वतीय विकास मंत्रालय की स्थापना की और ‘पर्वत टूट सकते हैं लेकिन झुक नहीं सकते’ जैसे नारों से जनसरोकार को नई दिशा दी।

इस मौके पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. ओ.पी. गुसाॅंई ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए मंत्री सौरभ बहुगुणा को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण ने बहुगुणा जी को अपने छात्र जीवन की स्मृतियों में याद किया और बताया कि 1981-82 में बीबीसी जैसे बड़े चैनल भी उनकी कवरेज के लिए पौड़ी पहुंचे थे। उन्होंने कहा “उस दौर में जनमानस की जुबान पर गूंजता था ‘हिमालय का चंदन, हेमवती नंदन।’

कला संचार एवं भाषा संकायाध्यक्ष प्रो. मंजुला राणा ने बहुगुणा जी के संघर्षपूर्ण जीवन की विस्तृत जानकारी दी, जिसमें उनके बुघाणी गांव से सत्ता के शिखर तक के सफर को दर्शाया गया।

अंत में कुलसचिव प्रो. आर.के. ढोडी ने बहुगुणा जी के जनसेवा के योगदान को याद करते हुए मंत्री सौरभ बहुगुणा का आभार जताया और सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी।

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