उत्तराखंड

राहत व बचाव कार्यों का निरंतर मानिटरिंग करें अफसर:मुख्यमंत्री

राहत व बचाव कार्यों का निरंतर मानिटरिंग करें अफसर:मुख्यमंत्री

देहरादून।देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने शनिवार को सीएम आवास में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में अफसरों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्यों की निरंतर मानिटरिंग के निर्देश दिए।

जिलाधिकारियों के स्तर से जो भी मदद मांगी जा रही है, उसे तुरंत मुहैय्या कराया जाए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग को काफी क्षति पहुंची है। उन्होंने सचिव आपदा, लोनिवि और ऊर्जा विभाग के उच्चाधिकारियों को तत्काल प्रभावित क्षेत्रों का दौरान करने को कहा।

उन्होंने रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार से वर्चुअल बात की और राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में जाना। उन्होंने केदारनाथ पैदल मार्ग से जल्द से जल्द सुचारू करने और फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने के साथ ही उनके लिए भोजन की भी समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली,गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी एपी अंशुमन,आईजी श्कृष्ण कुमार वीके, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी आदि मौजूद रहे।

गौरीकुंड मोटर मार्ग जल्द बनाएं
मुख्यमंत्री धामी ने रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार को सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच ध्वस्त 150 मीटर सड़क को नए सिरे से जल्द बनाने के निर्देश दिए। कहा कि सड़क क्षतिग्रस्त होने से वहां पर फंसे लोगों को पहाड़ी के वैकल्पिक रास्ते से रेस्क्यू किया जा रहा। मंदाकिनी का जलस्तर घटते ही सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं के साथ पुलिस का व्यवहार अच्छा हो। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था भी सुचारू रखने के निर्देश दिए। उधर, जिलाधिकारी गहरवार ने सीएम को जानकारी दी कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर जिन स्थानों पर मलबा आया है,उन पर कार्य शुरू कर दिया। मौसम अनुकूल होने की स्थिति में इन रास्तों को एक सप्ताह में ठीक करा लिया जाएगा।

कमिश्नर को नोडल अफसर बनाया

मुख्यमंत्री के निर्देश पर गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय को केदारनाथ घाटी में तबाही से हुए नुकसान की बहाली को लेकर नोडल अफसर की जिम्मेदारी दी गई है। प्रमुख सचिव आरके सुंधाशू ने यह आदेश किए हैं। उनके साथ आपदा, लोनिवि और ऊर्जा विभाग के अफसर भी मौके पर जाएंगे जो क्षति का आकलन करने के साथ रेस्क्यू और रेस्टोरेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

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